भगालिंद से गर्भाशय तक फैला हुआ जिसके आगे की ओर मूत्राशय व पीछे की ओर का भाग मलाशय होता है के बीच मे योनिमार्ग स्थित रहता है।
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इसे आम तौर पर मौखिक रूप से लिया जाता है लेकिन इसे जिह्वा के नीचे, गाल के भीतर, मलाशय मार्ग या योनिमार्ग से भी लिया जा सकता है.
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इसे आम तौर पर मौखिक रूप से लिया जाता है लेकिन इसे जिह्वा के नीचे, गाल के भीतर, मलाशय मार्ग या योनिमार्ग से भी लिया जा सकता है.
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गर्भावस्था के दौरान योनिमार्ग या मूत्रमार्ग से रक्तस्राव हो तो भांगरा के पत्तों का काढ़ा बनाकर 20-50 मिलीलीटर तक सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिलता है।
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इस समय से योनिमार्ग भी मुरझाकर इतना अधिक सिकुड़ जाता है कि उसका कोई अस्तित्व ही नहीं रह जाता है और ठीक इसी प्रकार से योनिद्वार भी सिकुड़कर छोटा हो जाता है।
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भ्रूण के सिर के आकार के इस परिवर्तन को मोल्डिंग कहा जाता है और यह उन महिलाओं में साफ़ तौर पर दिखता है जिनकी पहली बार योनिमार्ग द्वारा प्रसूती हो रही होती है.
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भ्रूण के सिर के आकार के इस परिवर्तन को मोल्डिंग कहा जाता है और यह उन महिलाओं में साफ़ तौर पर दिखता है जिनकी पहली बार योनिमार्ग द्वारा प्रसूती हो रही होती है.
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स्त्रियों में बांझपन का कारन प्रायः योनिमार्ग कि सिकुरण, मासिक धर्म का विकार, बच्चेदानी के मुहँ का बंद होना, उस का टेढ़ामेढ़ा होना या हारमोंस कि गडबड़ी होता है.
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नोट: प्रसूति (डिलीवरी) के पश्चात योनिमार्ग में अजवाइन की पोटली रखने से गर्भाशय में जीवाणुओं का प्रवेश नहीं हो पाता और जो जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं वे नष्ट हो जाते है।
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रक्तस्राव, पैरों में सूजन, पेट में दर्द, सिरदर्द, उल्टियां, योनिमार्ग से पानी का जाना, बच्चे का हिलना कम या नहीं मसहूस होने पर तुरंत अपने चिकित्सक के पास जाएं।