मिट्टी के बर्तनों की दीवार में छोटे-छोटे बहुत से रन्ध्र होते हैं जो किपानी को बहने तो नहीं देते किंतु जहां चूषण उत्पन्न होता है उस दिशा में जलको धीरे-धीरे रिसाव द्वारा जाने देते हैं.
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आधा सीसी-मस्तिष्क के जिस आधे भाग में दर्द हो, उसी ओर के नासा रन्ध्र में ज्वार के पौधे के हर पत्तो के रस में थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाकर टनकाना चाहिए।
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मतलब सुड-सुड नाक की और नाक से पानी बहना, स्टफ्ड और रनिंग नोज़, गले की खिच खिच (स्क्रेची थ्रोट), अश्थी रन्ध्र (साइनासिज़) का तरल से भरा रहना.
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अपशल्कन से त्वचा के रंग में सुधार होता है और उसमें निखार आता है, रोमकूप और रन्ध्र खुल जाते हैं जिससे त्वचा खुलकर सांस ले पाती है और मॉस्चराइजर, सीरम और जेल वगैरह इसमें आसानी से समा पाते हैं.
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हर छोटे पंख के आधार पर दृष्टि-तन्त्रिका रन्ध्र (optic foramen) होता है, जिसमे से दृष्टि तन्त्रिका (optic nerve) और नेत्र धमनी (ophthalmic artery) निकलकर नेत्र गुहा (orbit) में प्रवेश करती है।
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या केवल मानव होने की पीड़ा का एक नया स्तर खोलाः नया रन्ध्र इस रुँधे दर्द की भी दिवार में फोड़ाः उस से फूटा जो आलोक, उसे-छितरा जाने से पहले-निर्निमेष आँखों से देखा निर्मम मानस से पहचाना नाम दिया।
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“ मेरी थकी हुई आँखों को किसी ओर तो ज्योति दिखा दो-कुज्झटिका के किसी रन्ध्र से ही लघुरूप किरण चमका दो, अनचीती ही रहे बाँसुरी साँस फूँक दो, चाहे उन्मन-मेरे सूखे प्राण-दीप में एक बूँद तो रस बरसा दो।
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जो भयंकर पापी हैं उनकी आत्मा मूत्र या मल के मार्ग से, मध्यम श्रेणी के लोगों की आत्मा मुख से, जो पापी कम और पुण्यात्मा अधिक हैं उनकी आत्मा नेत्रों से और जो पूर्ण धर्मनिष्ठ, पुण्यात्मा अथवा योगी हैं उनकी आत्मा ब्रह्म रन्ध्र से निकलती है।
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अलावा इसके डेड स्किन भी हठ जाती है. जीवाणु तो अपनी जान से जाता ही है.मैश जैसे पदार्थ में सलिक्यलिक(सैली-साइलिक) एसिड भी रहता है.यही मृत चमड़ी को हठाता है जो रोमकूपों को अवरुद्ध किये रहती है.तथा एजे-लिक एसिड पोर्स(चमड़ी के रन्ध्र) के अन्दर जाकर बेक्टीरिया को मारता है.
50.
सुबह के समय शौच आदि क्रियाओं तथा मंजन आदि करने के बाद नाक का जो स्वर चलता हो, उसी नासिका रन्ध्र से किसी साफ बर्तन, बोतल, गिलास अथवा किसी टोंटी वाले बर्तन में रखे हुए जल (किसी साफ बर्तन में पानी रखकर उसमें थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर गर्म कर लेते हैं इसके बाद इसे छान लेते हैं) को नाक से लेना चाहिए।