वे सोचने लगे, अद्भुत रूप और आश्चर्यजनक तेज का स्वामी राजोचित लक्षणों से युक्त में यदि प्रबल अधर्म न होता तो यह राक्षसराज इन्द्रसहित सम्पूर्ण देवलोक का संरक्षक हो
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काशी नरेश उस राजहंस के राजसी ठाट, तेज आदि राजोचित लक्षणों को देख बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने सुन्दर फूल मालाएँ और पुजापा मँगवा कर राजहंस का अभिनन्दन किया।
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वे सोचने लगे, अद्भुत रूप और आश्चर्यजनक तेज का स्वामी राजोचित लक्षणों से युक्त में यदि प्रबल अधर्म न होता तो यह राक्षसराज इन्द्रसहित सम्पूर्ण देवलोक का संरक्षक हो सकता था।
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मंत्र (योजना, परामर्श) से कार्य का ठीक निर्धारण होता है, प्रभाव (राजोचित शक्ति, तेज) से कार्य का आरम्भ होता है और उत्साह (उद्यम) से कार्य सिद्ध होता है ।
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मंत्र (योजना, परामर्श) से कार्य का ठीक निर्धारण होता है, प्रभाव (राजोचित शक्ति, तेज) से कार्य का आरम्भ होता है और उत्साह (उद्यम) से कार्य सिद्ध होता है ।
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मंत्र (योजना, परामर्श) से कार्य का ठीक निर्धारण होता है, प्रभाव (राजोचित शक्ति, तेज) से कार्य का आरम्भ होता है और उत्साह (उद्यम) से कार्य सिद्ध होता है ।
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युगान्त काल कलियुग में चोर राजोचित वृत्ति से रहेंगें औरा राजाओं का स्वभाव चोरों के समान हो जायेगा तथा सेवक उन वस्तुओं का भी उपभोग करेगें, जिन्हें भोगने के लिये उन्हें स्वामी की ओर से आज्ञा नहीं मिली हो ।।
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फिर सेवकों ने राजोचित भोज्य पदार्थ जिसमें मांसादि थे और साथ ही फलों का प्रबंध किया और उसके बाद राजा राम के समीप नाचने और गाने की कला में निपुण अप्सराएँ और नाग कन्याएँ किन्नरियों के साथ मिल कर नृत्य करने लगीं।
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जब अगस्त्य मुनि ने लोपामुद्रा के सौन्दर्य पर मुग्ध होकर पुत्रोत्पत्ति की अभिलाषा से उसे अपने पास आने के लिये कहा तो लोपामुद्रा बोली कि हे स्वामी! मैं राजकुमारी हूँ इसलिये आपका मेरे साथ समागम भी राजोचित ढंग से होना चाहिये।
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फिर सेवकों ने राजोचित भोज्य पदार्थ जिसमें मांसादि थे और साथ ही फलों का प्रबंध किया और उसके बाद राजा राम के समीप नाचने और गाने की कला में निपुण अप्सराएँ और नाग कन्याएँ किन्नरियों के साथ मिल कर नृत्य करने लगीं।