| 41. | सुंनहु राति दिनसु दुइ कीए ॥
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| 42. | एकत राति हो बड़ी है, दूसरे सैयां बिछूड़ी,
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| 43. | निसि की कौन कहै दिन बीत्यो काल राति चलि आई।
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| 44. | राति दिवस ध्यावहु मन रामा ।
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| 45. | सिमरिया मे जहाज पर राति बितत।
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| 46. | आधिक राति लौं बेनी प्रबीन तुम्हें ढिंग राखि करी बरजोरी।
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| 47. | बाँधे मोट, राति को झारि बिछावै॥
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| 48. | राति द्यौंस हौसे रहे, का मुरली की टेर ।।
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| 49. | राति ८. ३० से ९ के बीच फ्लाईट अहमदाबाद से उदयपुर पहुंची।
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| 50. | निसि मुद्रित प्रातहि वै बिगसत, ये बिगसे दिन राति ।।
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