हम आज आपको बताने जा रहे हैं डेली रुटिन से जुड़ी ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में जिन्हें हमेशा हेल्दी रहने की चाहत रखने वाले हर इंसान को जरूर अपनाना चाहिए।
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क्या आराम है यार!!! ये आदमी कमाता कब होगा, काम पर जाने का तो रुटिन में समय ही नहीं है इसके पास? यही सोच रहे हैं न!! तो सुन लो...
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वो कहते हैं कि लेकिन ये कहना ठीक नहीं होगा कि अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि वह अच्छा नहीं दिख रहा है तो सेना रुटिन के तहत स्तन वृद्धि जैसे कामों के लिए पैसे दे।
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देखो: पतंग उड़ाते क्या आराम है यार!!! ये आदमी कमाता कब होगा, काम पर जाने का तो रुटिन में समय ही नहीं है इसके पास? यही सोच रहे हैं न!! तो सुन लो...अभी छुट्टी चल रही है.
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बारात, बेंड बाजे, रोज रोज किसी ना किसी मिलने वाले के यहां प्रतिभोज में जा कर के खाना, व फिर लिफाफे टिकाना, एक अदद फोटो खिंचवाना व वापस घर आकर के सो जाना यही रुटिन हो गया [...]
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बारात, बेंड बाजे, रोज रोज किसी ना किसी मिलने वाले के यहां प्रतिभोज में जा कर के खाना, व फिर लिफाफे टिकाना, एक अदद फोटो खिंचवाना व वापस घर आकर के सो जाना यही रुटिन हो गया है ।
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जवानी की उम्र में सारे सिविल और मिलेट्री आफिसर्स की रुटिन ड्रेस टाई-सूट रहती है, रिटायरमेंट के बाद कुछ अकलमन्द लोग शारीरिक सुविधा की दृष्टि से लखनवी चिकन का कुरता और टेरीकाट का पैजामा पहनना शुरू कर देते हैं।
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बारात, बेंड बाजे, रोज रोज किसी ना किसी मिलने वाले के यहां प्रतिभोज में जा कर के खाना, व फिर लिफाफे टिकाना, एक अदद फोटो खिंचवाना व वापस घर आकर के सो जाना यही रुटिन हो गया […]
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रुटिन में तो, मॆं जब तक सुबह-सुबह पत्नी से दो-चार बार डांट नहीं खां लूं, इतने बिस्तर ही नहीं छोडता, लेकिन बाबा से आशिर्वाद लेने के लालच में, आज सुबह 5 बजे ही अपनी मनोकामना दिल में सजोये, आशिर्वाद लेने वालों की लाईन में लग गया.
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अच्छा प्रयास है और आजकल ये एक प्रकार की शैली हो गई है, यदि आप बशीर बद्र जी को पढें तो आप पायंगे की हिंगलिश का उन्होने बडा ही सुंदर प्रयोग किया है | मैने भी एक ग़ज़ल मे कुछ ऐसा ही प्रयोग किया था गार्डन मे बैठें, धुप सेकें | कभी पाया ऐसा पल ना || तौबा! ये रोज़ का रुटिन | वही, फिर वही करना || देखो संभालो जीवन ' रुह ' | पडे उसमे कहीं सल ना ||