यह विडंबना ही है कि जिस देश में कभी नारी को गार्गी, मैत्रेयी जैसी विदुषी महिलाओं के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ, वहीं अब कन्या के जन्म पर परिवार और समाज में दुख व्याप्त हो जाता है l सिर्फ बेटे की चाह में अनगिनत मांओं की कोख उजाड़ दी गई l भ्रूण हत्या का कारण है कि हमारे समाज में व्याप्त रुढ़िवादिता और लोगों की संकीर्ण मानसिकता और समाज में कायम अन्धविश्वास के कारण लोग बेटा बेटी में भेद करते हैं l
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“मेरी समझ से परिवारों का टूटना, झूठे दंभ, दहेज़ प्रथा, लालच, अज्ञानता और रूढ़िवादिता के कारण होता है।”.तलाक के लिए जिम्मेवार तत्वों में कुछ और कारण भी हैं;यथा-बढ़ता पाश्चात्यीकरण,शहरीकरण,विभिन्न विचारों और संस्कारों का टकराव,पति-पत्नी का जरूरत से अधिक अधिकारभाव, विवाहेत्तर-संबंध,परिवार में बाह्य लोगों का हस्तक्षेप(जिसमें अज्ञानता और रुढ़िवादिता शामिल हैं),पति या पत्नी में से किसी एक का पूर्वाहग्रह से ग्रसित होना,पति या पत्नी के घरवालों का उनकी निजी जिंदगी में दखल देना और सबसे अधिक पति और पत्नी के बीच आपसी समझ का अभाव ।
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”. तलाक के लिए जिम्मेवार तत्वों में कुछ और कारण भी हैं ; यथा-बढ़ता पाश्चात्यीकरण, शहरीकरण, विभिन्न विचारों और संस्कारों का टकराव, पति-पत्नी का जरूरत से अधिक अधिकारभाव, विवाहेत्तर-संबंध, परिवार में बाह्य लोगों का हस्तक्षेप (जिसमें अज्ञानता और रुढ़िवादिता शामिल हैं), पति या पत्नी में से किसी एक का पूर्वाहग्रह से ग्रसित होना, पति या पत्नी के घरवालों का उनकी निजी जिंदगी में दखल देना और सबसे अधिक पति और पत्नी के बीच आपसी समझ का अभाव ।