राम विलास पासवान के रेल मंत्री रहते अजमेर के रेल बोर्ड में वैशाली के एक कॉलेज के प्रिंसिपल को सीबीआई ने, 8 करोड़ रुपयों के साथ रंगे हाथों पकड़ा था, वे महोदय 1 करोड़ रुपये देकर अजमेर रेलवे बोर्ड के प्रमुख बने थे।
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अनुमानित एक लाख करोड़ रुपये की लागत वाली निम् न परियोजनाओं की तैयारी की निगरानी और उन् हें प्रारंभ करने के लिए वित् त मंत्रालय, योजना आयोग, आर्थिक मामले, सड़क, परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, नागरिक विमानन, ऊर्जा मंत्रालय एवं विभागों के सचिवों तथा रेल बोर्ड के अध् यक्ष को आमंत्रित किया गया है:-
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मिसाल के तौर पर, 2007-0 8 वर्ष में एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान यूनियनों की आपसी दुश्मनी को रेल मजदूरों की एकता तोड़ने के लिये इस्तेमाल किया गया था और बाद में इन्हीं यूनियनों के एक नेता को 33,000 यूरो (20 लाख रुपये) के औसतन मासिक वेतन पर राष्ट्रीय रेल बोर्ड में मैनेजर के पद पर रख लिया गया।
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रेल मंत्रालय दस्तावेजीकरण को अंतिम रूप देने, बोली प्रक्रिया की निगरानी और समयबद्ध ढंग से अनुबंध प्रदान करने सहित परियोजना के कार्यान्वयन निगरानी, के लिए परियोजना संचालन समूह बनाएगा जिसका अध्यक्ष रेल बोर्ड का अध्यक्ष होगा तथा डीईए सचिव, आयोजना सचिव, महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव (या उनके प्रतिनिधि), सदस्य (अभियांत्रिकी) और पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक इस समूह के सदस्य होंगे।
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परंतु रेल मंत्री से ' रेलवे समाचार ' की यह अपेक्षा है कि सीबीआई द्वारा पिछले पांच वर्षों में उच्च रेल अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने अथवा मामला दर्ज करके जांच करने की जो अनुमतियां रेल बोर्ड (रेल मंत्रालय) से मांगी गई हैं और वह नहीं दी गई हैं, उन्हें शीघ्र जारी किया जाए तो इस काम और उनकी इस महत्वपूर्ण घोषणा को और अधिक बल मिलेगा.
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चाहे वह रेलवे के आधुनिकीकरण व बेहतर बुनियादी संरचना को लेकर सैम पित्रोदा कमेटी की रिपोर्ट रही हो, रेलवे को सुरक्षित बनाने को लेकर अनिल काकोदकर कमेटी का गठन रहा हो, रेलवे के राजस्व बढाने के रेलवे की मौजूदा परिसंपत्ति के बेहतर उपयोग के रास्ते तलाशने को लेकर हो या फिर रेल प्रशासन को नये सिरे से चुस्त दूरूस्त बनाने के लिये रेल बोर्ड के पुनर्गठन करने को लेकर हो।
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गया, निज प्रतिनिधि: गुरुवार को भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति की एक बैठक आदर्श कालोनी, पांचबिगहिया रामशीला-प्रेतशिला रोड में हुई। बैठक में नगर प्रखंड के कंडी मौजा, नेयाजीपुर, कुजापी अंतर्गत आने वाले छोटकी नवादा, नवादा, कंडी, कुजापी, खरखूरा, गोविंदपुर आदि के किसान व मकान मालिक शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि रेल मंत्रालय व रेल बोर्ड द्वारा जारी की गई भूमि अधिग्रहण की आम सूचना के बाद किसान व मकान मालिक शुक्रवार से भू-अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय में अपना आपत्ति सह आव