गत दो-तीन महीनों के दरम्यान जोन के विभिन्न स्थानों से करीब एक करोड़ रुपए की रेल और अन्य रेल संपत्ति की चोरी हो गई है, मगर इन चोरियों की समुचित जांच कराने के बजाय सीएससी महोदय सम्बंधित सेक्शन के अपने चहेते आरपीएफ इंस्पेक्टर (आईपीएफ़) को सीधे छुट्टी पर भेजकर न सिर्फ उसे बचा रहे हैं, बल्कि जिन दो एडहाक आईपीएफ़ का कोई दोष नहीं था, उन्हें निलंबित करके, उनमें से भी एक को सब-इंस्पेक्टर में रिवर्ट और मान-मर्दन करके उन्होंने अपने पक्षपाती एवं पूर्वाग्रही आचरण का परिचय दिया है।