सामने गियर के उपर हुक से लटकी काँच की चार गुलाबी चूड़ियाँ बस की रफ़्तार के मुताबिक हिल रहीं थीं … अधेड़ उम्र का मुच्छड़ रोबीला चेहरा आहिस्ते से बोला: ‘हे बाबा नागार्जुन'!
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और इसमें कोई शक नही कि हर अभिनेता वहाँ अपने पात्र को जी गया फिर भी.... कमाल की फिल्म. राजकुमार इस फिल्म में अद्वितीय लगे, रोबीला व्यक्तित्व, चेहरे से छलकती भावुकता.
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उन्होंने जीतेन्दर को बताया तब जब बहुत देर हो चुकी थी. अपने को मुंहफट बताने के लिये भी उनको पत्नी का सहारा लेना पड़ा.मुझे अनायास यशपाल का लेख बीबीजी कहती हैं मेरा चेहरा रोबीला है याद आया.
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येही बात पर खैनी मलते हुए बगल में बैठे यादव जी उठ जाते है और बड़का रोबीला आवाज़ में एक दम दबंग स्टाइल में कहते है की अभी सब देख लिया ना क्या हुआ महाराज गंज के चुनाव में.
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शायद यह हरकत उसे बुरीलगी और अपनी आवाज में कड़ाई और बेरुखी भरते हुए उसने अपना रोबीला भाषण शुरूकर दिया-" सर्दी में सैलानी श्रीनगर से आगे नहीं बढ़ते हैं जहां उन्हेंआराम और गर्मायश मुहिया है, वहीं तक रहते हैं इसीलिए सर्दी के मौसम मेंहमारा होटल बन्द रहता है.
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खुद दारा सिंह बनने की कोशिश की है या किसी को चुनौती के रूप में देख कर ललकारा है-अपने आप को दारा सिंह समझते हो क्या? दारा सिंह का नाम लेते ही एक रोबीला और निर्भीक चेहरा सामने आता है, जो पराजित नहीं हो सकता।
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एक बार चीफ प्रॉक्टर ने विद्यालय में लगाया राउंड लंबा था ग्राउंड हाथ में डंडा शक्ल से पंडा रोबीला चेहरा देखकर बच्चे सकपकाए दौड़कर अपनी कक्षाओं में आए किसी कक्षा में कुछ बच्चे शोर कर रहे थे और गालियों से अलंकृत कर रहे थे चीफ प्रॉक्टर को गुस्सा आया डंडा...
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एक बार चीफ प्रॉक्टर ने विद्यालय में लगाया राउंड लंबा था ग्राउंड हाथ में डंडा शक्ल से पंडा रोबीला चेहरा देखकर बच्चे सकपकाए दौड़कर अपनी कक्षाओं में आए किसी कक्षा में कुछ बच्चे शोर कर रहे थे और गालियों से अलंकृत कर रहे थे चीफ प्रॉक्टर को गुस्सा आया डंडा
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पुलिस के आला अफसर का नाम दिमाग में आते ही बड़ी-बड़ी मुछ रोबीला चेहरा खुखार व्यक्तितत्व कि परछाई सामने आ जाती है उत्तराखंड पुलिस विभाग के महानिदेशक ज्योति स्वरुप पांडे इसके उपवाद है उनका सहज व्यक्तितत्व उत्तराखंड मित्र पुलिस को एक ऐसा सम्मान प्रदान करता है जो पुलिस की मित्र पुलिस के कथन को सार्थक करती है.
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रोबीला चेहरा, कंधों तक झूलते घुँघराले बाल, राजपूती मूँछें, खादी का चूड़ीदार पायजामा कुर्ता-जवाहरकट पहने माइक पर अपनी जोशीली आवाज में वे दहाड़ते ‘‘ भुला भुल्यौं डाला लगा डाला, भिमल का डाला लगा, दाँवा जूड़ा बटण तै सेलु मिललु, आग जगौण क केड़ा मिलला, मुंड धोण के अठालू मिललु, दुधालि भैंसी तै हरयूँ घास मिललो।