| 41. | एक एक शब्द के लक्ष्यार्थ और व्यंग्यार्थ की क्या-क्या बारीकी निकालते रहते हैं ।
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| 42. | (५) तात्कर्म्य सम्बन्ध-कर्म-सादृश्य के आधार पर लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है ।
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| 43. | (४) अंगागिभाव सम्बन्ध-इसके अनुसार अंग से अंगी का लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है।
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| 44. | और तत् पद का लक्ष्यार्थ है मायातीत पूर्ण ब्रह्म-निर्गुण निराकार परमात्मा जो चराचर में रमा हुआ है।
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| 45. | और तत् पद का लक्ष्यार्थ है मायातीत पूर्ण ब्रह्म-निर्गुण निराकार परमात्मा जो चराचर में रमा हुआ है।
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| 46. | और तत् पद का लक्ष्यार्थ है मायातीत पूर्ण ब्रह्म-निर्गुण निराकार परमात्मा जो चराचर में रमा हुआ है।
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| 47. | गौणीलक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध की दृष्टि से अर्थात् रूप-साम्य, गुणसाम्य और धर्म-साम्य के आधार पर लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है.
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| 48. | प्रिज़न ब्रेक के कथानक एवं गठन के लिहाज़ से इसका लक्ष्यार्थ दर्शक वर्ग 18-34 वर्ष का आयु वर्ग है.
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| 49. | मुख्य अर्थ के बजाय लक्ष्यार्थ अभिप्रेत होता है, जैसे, “ मूर्ख ” अर्थ अभिप्रेत है, 3.
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| 50. | प्रिज़न ब्रेक के कथानक एवं गठन के लिहाज़ से इसका लक्ष्यार्थ दर्शक वर्ग 18-34 वर्ष का आयु वर्ग है.
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