अपने बाप के जरिये उसने महाराज जयसिंह के कानों तक आपकी लगावट का हाल पहुँचा दिया है और इसी सबब से पहरे की सख्त ताकीद हो गयी है।
42.
ऋषि से उसे क्या लगावट थी, उसे मैं सिर्फ एक पंक्ति में कहूँ तो कुछ ऐसा होगा कि “कुछ स्थितियां आपको ढंग से रोने भी नहीं देती.”
43.
इस लगावट के इतिहास को याद करने पर महसूस होता है कि मेहदी हसन और बाकी ग़ज़ल गायकों में क् या फर्क था, जो कभी भी नहीं पाटा जा सकेगा।
44.
वह दोनों भैवों का खिंचावट और पुतलियों में लाज की समावट और नुकीली पलकों की रूँधावट हँसी की लगावट और दंतड़ियों में मिस्सी की ऊदाहट और इतनी सी बात पर रूकावट है।
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आज उनके ना रहने पर उन् हीं की लगावट का शेर याद आता है, ‘ कुछ उसके दिल में लगावट जरूर थी वरना, वो मेरा हाथ दबाकर गुज़र गया कैसे।
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आज उनके ना रहने पर उन् हीं की लगावट का शेर याद आता है, ‘ कुछ उसके दिल में लगावट जरूर थी वरना, वो मेरा हाथ दबाकर गुज़र गया कैसे।
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समझो न होता आखराँ कोई आखिरी मंजरबैठें पीपल तले, शफेखाने, मयखाने या मन्दरकोई सूरमा ऋषि हो या अजनबी सिकन्दरहो जाती है बात जो होनी है होतीग़र दिल के कोने कहीं लगावट है होती।
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वह दोनों भैवों का खिंचावट और पुतलियों में लाज की समावट और नुकीली पलकों की रूँ धावट हँसी की लगावट और दंतडियों में मिस्सी की ऊदाहट और इतनी सी बात पर रूकावट है।
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ज़र्रे ज़र्रे से लगावट की ज़रूरत है यहां आफ़ियत चाहे तो इनसान ज़मींदार न हो मय भी होटल में पियो, चंदा भी दो मस्जि़द में शैख़ भी ख़ुश रहें, शैतान भी बेज़ार न हो
50.
ये रही आपकी पेशकश: करे है क़त्ल लगावट में तेरा रो देनातेरी तरह कोई तेग़-ए-निगाह को आब तो दे (ग़ालिब)मस्ती में लगावट से उस आंख का ये कहनामैख़्वार की नीयत हूँ मुमकिन है बदल जाना (फ़िराक़ गोरखपुरी)शामिख जी..