| 41. | गंगा में धोइहा जमुनवाँ फरिचइहा लवंग की डरिआ, धोबी झुरइहा पगरिआ लवंग की डरिआ.
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| 42. | लवंग: भगवान के वास्ते यह कथा खाने के समय के लिए रहने दो।
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| 43. | लवंग: ऐ मान्य सखी, आपके कुशलतापूर्वक लौट आने पर धन्यवाद देता हूँ।
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| 44. | लवंग: अबे जा उन लोगों से भोजन की तैयारी के लिये कह दे।
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| 45. | मीठा: चमचम • पंटुआ • पीठा • रसगुल्ला • शौन्देश • लवंग लतिका •
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| 46. | लवंग: प्यारी तुम तो लड़के के सुहावने वेष में आप ही छिपी हो।
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| 47. | लवंग: मेरे श्रीमन्त बसन्त लीजिए आपसे और अनन्त गुणकन्त अनन्त से भेंट हो
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| 48. | लवंग: मेरा बुरा हो यदि मैं इसे जी से न प्यार करता हूँ।
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| 49. | लवंग: भगवान के वास्ते यह कथा खाने के समय के लिए रहने दो।
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| 50. | लवंग: ईश्वर का कोप हो तुझ पर, तू क्या ही हँसोड़ है।
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