आवश्यकता है मंत्र और स्तोत्रों के लाक्षणिक अर्थ को जानने के उदाहरणों में डॉ. श्रीमाली ने ' श्मशानेष्वा क्रीड़ा स्मरहर पिशाचा सहचरा ' आदि श्लोकों के माध्यम से स्तोत्रों के रहस्यात्मक लाक्षणिक अर्थ बताए।
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भारत शब्द का अर्थ ही है ‘ भा + रत ' = ‘ प्रकाश में रत '. यहाँ प्रकाश का लाक्षणिक अर्थ ‘ प्रकाशपूर्ण ज्ञान, आत्मा ज्ञान या आध्यात्मिक ज्ञान ' है.
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पहाड़ स्थिर होते हैं, कभी चलते नहीं इसलिए चल् में अ उपसर्ग लगने से मनुष्य ने पर्वत के लिए अचल शब्द बना लिया जिसका लाक्षणिक अर्थ हुआ जो अडिग रहे, टस से मस न हो ।
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पहाड़ स्थिर होते हैं, कभी चलते नहीं इसलिए चल् में अ उपसर्ग लगने से मनुष्य ने पर्वत के लिए अचल शब्द बना लिया जिसका लाक्षणिक अर्थ हुआ जो अडिग रहे, टस से मस न हो।
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पहाड़ स्थिर होते हैं, कभी चलते नहीं इसलिए चल् में अ उपसर्ग लगने से मनुष्य ने पर्वत के लिए अचल शब्द बना लिया जिसका लाक्षणिक अर्थ हुआ जो अडिग रहे, टस से मस न हो ।
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इस शब्द के लाक्षणिक अर्थ हैं-घर में घुसे रहने वाला, जो आसानी से दबाव में आ जाय, कोमल स्वभाव का, विनम्र, हिंसात्मकता और आक्रामकता से परे, विवादों से बचने वाला … इत्यादि।
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इस लेखक ने अपनी टिप्पणी लिखी जिसका आशय यह था कि भारतीय भाषाओं में अनेक बातें व्यंजना विद्या में लिखे जाने की प्रवृत्ति है और विदेशी पद्धति से चलने वाले विद्वानों उसका केवल शब्दिक या लाक्षणिक अर्थ लेते हैं।
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यूँ कुछ लोगों का मानना है कि काम बिगड़ने पर यूँ भी इन्सान गला फाड़कर रोता है, आर्तनाद करता है, क्रंदन करता है इसलिए गलाटा का लाक्षणिक अर्थ बखेड़ा या काम बिगड़ना हुआ,इसका मूलार्थ बुक्का फाड़ कर रोना ही है।
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यूँ कुछ लोगों का मानना है कि काम बिगड़ने पर यूँ भी इन्सान गला फाड़कर रोता है, आर्तनाद करता है, क्रंदन करता है इसलिए गलाटा का लाक्षणिक अर्थ बखेड़ा या काम बिगड़ना हुआ, इसका मूलार्थ बुक्का फाड़ कर रोना ही है।
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कई छत्तीसगढी शव्दों को सटीक हिन्दी व अंग्रेजी शव्दों में व्यक्त करना सामान्य बात नहीं है क्योंकि यहां के कई शव्द इतने गूढ अर्थ अपने में समेटे हैं कि इनका शब्दिक अर्थ एवं लाक्षणिक अर्थ व इनका अलग अलग समय में प्रयोग से निकलते अर्थों में जमीन आसमान का अंतर हो जाता है ।