इक्का-दुक्का लोगों के पास ही भाषा-शैली और लेखन-शैली को समझा पाने का गुण है, जिनमें से एक कुंवर जी हैं.
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हर लेखक की जीवन-शैली ही नहीं, लेखन-शैली भी भिन्न होती है, अपने समकालीनों से भी और पूर्ववर्ती और परवर्ती लेखकों से भी।
43.
“ हंस ” में प्रकाशित अपनी पहली कहानी बेल-पत्र (१ ९ ८ ७) से अब तक वे अपनी विशेष लेखन-शैली के लिये जानी जाती हैं।
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१. २. मैथिली अकादमी, पटना द्वारा निर्धारित मैथिली लेखन-शैली १. जे शब्द मैथिली-साहित्यक प्राचीन कालसँ आइ धरि जाहि वर्त्तनीमे प्रचलित अछि, से सामान्यतः ताहि वर्त्तनीमे लिखल
45.
ग्रेफोलॉजी के तहत जहां अभ्यर्थी की साधारण लेखन-शैली, आकस्मिक लेखन-शैली का अध्ययन किया जाता है, वहीं ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अभ्यर्थी को जांचा जाता है।
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ग्रेफोलॉजी के तहत जहां अभ्यर्थी की साधारण लेखन-शैली, आकस्मिक लेखन-शैली का अध्ययन किया जाता है, वहीं ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अभ्यर्थी को जांचा जाता है।
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कभी अपनी लेखन-शैली में विद्वता दिखाने के प्रयास में हम अत्यन्त जटिल शब्दों का (जिसे हम क्लिष्ट भाषा भी कह सकते हैं) प्रयोग कर जाते हैं ।
48.
मुझे कई बार लगता है कि क्या इस आभासी-दुनिया में मात्र लिखने-लिखाने से भी कोई इतना अपना बन जाता है जो किसी की लेखन-शैली में मूलभूत अंतर ला देता है.
49.
लियोनार्दाे द्वारा सामान्य लेखन-शैली में यदाकदा लिखे गई पत्र-साम्रगी, टिप्पणियां, अन्य व्यक्तियों के लिए लिखे गए लेख दर्शाते हैं कि वह उस शैली में भी पूर्णतः पारंगत था.
50.
बांग्लादेश में अपनी लेखन-शैली के लिए मशहूर पत्रकार अहसन ने 278 पन्नों की अपनी किताब में मुजीब के राजनीतिक करियर पर ध्यान केंद्रित किया है जिन्हें दक्षिण एशिया के सर्वाधिक करिश्माई नेताओं में गिना जाता है।