कैराथियोडोरी का प्रमेय यह है कि दा-आ (द्र-ज्) लेखाचित्र में निकाय की अवस्था में निर्देश बिंदु के आसपास ऐसे अनेक बिंदु हैं जिन तक उत्क्रमणीय-स्थिरोष्म-प्रक्रम द्वारा पहुँचना असंभव है।
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किसी भी व्यक्ति के जीवन की सफलता-असफलता, सुख-दुख, बढ़ते-घटते मनोबल तथा व्यक्ति के स्तर को लेखाचित्र में जीवन के विभिन्न भागों में अनायास दिखाया जाना संभव हो सका।
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किसी भी व्यक्ति के जीवन की सफलता-असफलता, सुख-दुख, बढ़ते-घटते मनोबल तथा व्यक्ति के स्तर को लेखाचित्र में जीवन के विभिन्न भागों में अनायास दिखाया जाना संभव हो सका।
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ज्योतिष चिकित्सा नामक कुछ होता है, जहां पर आप एक लेखाचित्र में देख सकते हो, किस प्रकार की बीमारियाँ आपको हो सकती है या खतरा हो सकता है ।
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स्वेच्छ अथवा आनुभविक फलनों के लेखाचित्र पटलों पर खींचकर उन्हें विश्लेषक में प्रविष्ट कर दिया जाता है और विश्लेषक का हल बाहर आनेवाले पटलों पर लेखाचित्र के रूप में प्राप्त होता है।
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स्वेच्छ अथवा आनुभविक फलनों के लेखाचित्र पटलों पर खींचकर उन्हें विश्लेषक में प्रविष्ट कर दिया जाता है और विश्लेषक का हल बाहर आनेवाले पटलों पर लेखाचित्र के रूप में प्राप्त होता है।
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किसी भी व् यक्ति के जीवन की सफलता, असफलता, सुख, दुख, महत् वाकांक्षा, कार्यक्षमता और स् तर को लेखाचित्र में ईस् वी के साथ अंकित किया जा सकता है।
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इस गत् यात् मक दशा पद्धति का जो लेखाचित्र तैयार होता है, वह वस् तुत: आकाश में स्थित ग्रहों की स्थिति, सूर्य और पृथ् वी सापेक्ष उनकी दूरियों और गतियों का सम् यक चित्रण है।
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के बीच एक लेखाचित्र प्राप्त किया जाय तो लोलक के सिरे से नापने पर लंबाई का मान ज्यों ज्यों बढ़ता है, दोलनकाल घटता जाता है, किंतु न्यूनतम मान न तक पहुँचने के उपरांत पुन: बढ़ने लगता है (देखें चित्र ५)।
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मेरे द्वारा ज्योतिष में जो रिसर्च किया गया, उसके आधार पर आप किसी के जन्मतिथि,जन्मसमय और जन्मस्थान के आधार पर उसके पूरे जीवन के उतार.चढ़ाव और सुख.दुख का के लेखाचित्र के साथ.साथ अन्य कई प्रकार के लेखाचित्र प्राप्त कर सकते हैं।