| 41. | मन, वचन और कर्म से संत एक होते हैं।
 
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 | 42. | राजा: वल्लभे! शास्त्र वचन और परमात्मा कृपा का अवलंब लो।
 
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 | 43. | वह मन, वचन और कर्म से हमेशा शुद्ध रहता है।
 
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 | 44. | जिन्होंने अपने-अपने नायक में वचन और कर्म की ईमानदारी देखी।
 
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 | 45. | इसके बाद वचन और कर्म है।
 
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 | 46. | 6. संयम-मन, वचन और शरीर को काबू में रखना।
 
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 | 47. | मन, वचन और ईमानदारी को जनहित में लगाये रहो।
 
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 | 48. | अध्याय 21 4. विशेषण-भेद, लिंग, वचन और विशेष्य की विशेषता।
 
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 | 49. | शादी में सात फेरे, सात वचन और सात कदम ही क्यों?
 
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 | 50. | मन, वचन और कर्म से जब प्रभु ने मुझे अपना
 
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