| 41. | अत: पूँजीपति और सर्वहारा वर्ग के बीच वर्गसंघर्ष बढ़ता है और अंत में समाज के पास सर्वहारा क्रांति (
|
| 42. | ऐसा होने पर तो मार्क् सवाद के सामने की भारी चट्टान ही खत्म जो जाए और वर्गसंघर्ष निर्बाध चलने लगे।
|
| 43. | और यथार्थ में वर्ग हैं और वर्गसंघर्ष है सो, कोई भी आत्मसंघर्ष अनिवार्यतः इस वर्ग संघर्ष का अंग है।
|
| 44. | ऐसे पूंजीवाद का सामना करने के लिए वर्गसंघर्ष की साम्यवादी चेतना को भी नए हथियारों से लैस होना पड़ेगा.
|
| 45. | या इन्हें हम रोज रोज बेहद क्रूर ढंग से हमारे सामने नमूदार होते वर्गसंघर्ष के रूप में देख सकते हैं।
|
| 46. | प्रेमचंद द्वारा राष्ट्र को खारिज करके किसी वर्गसंघर्ष की हिमायत की गयी हों ऐसा उनकी कृतियों में नहीं मिलता है!
|
| 47. | इससे स्पष्ट है कि यदि इनके करते वर्गसंघर्ष में कोई भी बाधा न हो तो मार्क् सवाद इन्हें छुए भी नहीं।
|
| 48. | वह तो वर्गसंघर्ष का दृष्टांत देके कहता है कि हड़ताल वगैरह के समय नास्तिकता का प्रचार उसके लिए घातक होता है।
|
| 49. | सर्वहारा के मन में पल रहे आक्रोश का लाभ उठाने के लिए उसका एक वर्ग उनमें वर्गसंघर्ष की चेतना भरता है.
|
| 50. | उनके द्वारा ही समाज द्वंद्वात्मक विकास की आधारभूमि बनता है, जो कालांतर में वर्गसंघर्ष के रूप में सामने आता है.
|