संक्षेप में कहा जा सकता है कि प्राचीन भारत में वैयाकरणों, कोशकारों एवं साहित्यालोचकों का भाषा चिंतन वर्णभेद के नियमों का शिकार है।
42.
विश्वासघात आखिर किसने किया, रहनुमाओं ने या आमलोगों ने? भगतसिंह पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, वर्णभेद, सांप्रदायिकता और अंधविश्वास के विरोधी थे।
43.
उपनिषदों का आत्मवाद ब्राह्मणवाद का मुख्य श्रोत है और वर्णभेद इसका मुख्य सरोकार, जिसे कौटिल्य से लेकर मनु और तुलसीदास तक सभी लागू करते हैं।
44.
उपनिषदों का आत्मवाद ब्राह्मणवाद का मुख्य श्रोत है और वर्णभेद इसका मुख्य सरोकार, जिसे कौटिल्य से लेकर मनु और तुलसीदास तक सभी लागू करते हैं।
45.
तब भारतीय आध्यात्म फिर से सारे विश्व में फैल जाऐगा और संसार के सारे लोग वर्णभेद से मुक्त होकर मानवता के आदर्श सिद्धांतों का जीवन बिताने लगेंगे।
46.
मिनियापोलिस श्वेतों के वर्चस्व के साथ संघर्ष किया, वर्णभेद निर्मूलन और अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन में भाग लिया, और 1968 में अमेरिकी भारतीय आंदोलन का जन्मस्थान बना.
47.
वर्णभेद और स्त्री पुरुष में गैर बराबरी की बात हो, या सम्पत्ति और व्यवस्था की बात हो इसमें सिर्फ हिन्दू को ही क्यों घसीटते हैं?
48.
फिर भी क् यों मुझे लगता है वर्णभेद, इस् लामी आतंकवाद और बाजार के दबाव ने ओबामा का भाग् य पहले ही तय कर दिया था।
49.
राष्ट्रपति थाबो म्बेकी दक्षिण अफ्रिका में शांति व्यवस्था बनाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन वर्णभेद व सेक्स उनके सामने समस्या बन कर उभरे हैं.
50.
इसके साथ ही साथ उन्होंने उदारतापूर्वक मनुष्यमात्र को इस सुलभ सगुणभक्ति का अधिकारी माना और देशभेद, वर्णभेद, जातिभेद आदि का विचार भक्ति मार्ग से दूर रखा।