कुछ पुष्पों की रचना ऐसी होती है कि कीट बिना पराग एकत्र किए मकरंद प्राप्त कर ही नहीं सकता और जब वह दूसरे पुष्प पर जाता है तो पुष्प की रचना के कारण इसके वर्तिकाग्र पर पराग गिराए बिना मकरंदकोष तक पहुँच ही नहीं सकता।
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गेहूं की एसटाइवम (पी बी डब्ल्यू 343) और डयूरम किस्मों (एच डी 2936) के 25-30 पी पी बी उच्च ओजोन सांद्रता में रहने से खुले शीर्ष वाले चैम्बरों में पूरी अवधि के दौरान इन फसलों के परागण में वृद्धि हुई और इन दोनों ही किस्मों के वर्तिकाग्र पर परागों के अंकुरण में वृद्धि हुई।
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गेहूं की एस्टाइवम (पीबीडब्ल्यू 343) और ड्यूरम किस्मों (एचडी 2936) को 25-30 पीपीबी की उच्च ओज़ोन सांद्रता में पूरी बढ़वार अवधि के दौरान ऊपर से खुले चैम्बरों में रखने से उनके पराग वंध्यता के प्रतिशत में वृद्धि होती है तथा गेहूं की इन दोनों ही किस्मों के वर्तिकाग्र पर पराग के दानों के अंकुरण में कमी आती है।