अगर इसके विपरीत कोई ग्रह अपने तारे के वासयोग्य क्षेत्र से ज़्यादा दूरी पर होगा तो उस पर बहुत सर्दी होगी और अगर पानी मौजूद भी हुआ तो सख्त बर्फ़ में जमा हुआ होगा और तारे से मिलने वाला प्रकाश भी शायद इतना कमज़ोर होगा के उसकी उर्जा पौधे जैसे जीवों के लिया काफ़ी नहीं है।
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कोसी के पूरब घने जंगल थे, भूमि उर्वर थी, लेकिन वहाँ आर्येतर जातियों का निवास था, इसलिए बढ़ती जनसंख्या के कारण वासयोग्य और कृषियोग्य भूमि के अभाव के बावजूद आर्यजन कोसी को पार करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन पेट की भूख ने उन्हें ‘ स्वदेश ' का परित्याग कर बंधु-बांधवों समेत बाल-बच्चों को कंधे पर उठा कोसी लाँघने को विवश कर ही दिया ; और इस प्रकार आर्यजन वास के लिए प्रतिबंधित सीमा का अतिक्रमण कर पूर्वी क्षेत्र में कारतोया नदी तक फैल गए।