2. जिसकी वाणी में वार्ता करते हुए कभी बाधा नहीं आती तथा जो विचित्र ढंग से बात करता है और अपने तर्क देने में जिसे निपुणता हासिल है वही पंडित कहलाता है।
42.
प्रत्येक भाषा के कवियों ने मृत्यु के इस डरावनेपन को अपनी बोलचाल में एक विचित्र ढंग से दिखलाया है, उनमें से कुछ का रंग मैं आप लोगों को यहाँ दिखलाऊँगा।
43.
कविता इन लीलाओं को दर्ज करती है और हम जो पढ़ते हुए कविता में ऐसी लीलाओं के अभ्यस्त नहीं हैं, उन्हें भी विचित्र ढंग से लीला में लपेटती है.
44.
यहां पर गौर करने की बात है कि ‘नीड़ का निर्माण फिर ' में बच्चन जी इलाहाबाद का जिक्र करते हुये कहा था कि, ‘इलाहाबाद बड़े विचित्र ढंग से बसा है, या बसा था।
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2. जिसकी वाणी में वार्ता करते हुए कभी बाधा नहीं आती तथा जो विचित्र ढंग से बात करता है और अपने तर्क देने में जिसे निपुणता हासिल है वही पंडित कहलाता है।
46.
कुआं भूजल तक पहुँचने या पाने के लिए बनता है, पर कुईं भूजल से ठीक वैसे नहीं जुड़ती जैसे कुआं, बल्कि कुईं वर्षा के जल को बड़े विचित्र ढंग से समेटती और सँजोती है।
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कुआं भूजल तक पहुंचने या पाने के लिए बनता है, पर किऊं भूजल से ठीक वैसे नही जुड़ता जैसे कुआं, बल्कि कुईं वर्षा के जल को बड़े विचित्र ढंग से समेटती और संजोती है।
48.
इसके अतिरिक्त मर्ले में आंख, नाक और पंजे की गद्दी का रंग भी अलग है, जैसे कि आंखों का रंग नीला और नाक एवं पंजे की गद्दियां विचित्र ढंग से गुलाबी और काली हो जाती हैं.
49.
कुआं भूजल तक पहुँचने या पाने के लिए बनता है, पर कुईं भूजल से ठीक वैसे नहीं जुड़ती जैसे कुआं, बल्कि कुईं वर्षा के जल को बड़े विचित्र ढंग से समेटती और सँजोती है।
50.
इसके अतिरिक्त मर्ले में आंख, नाक और पंजे की गद्दी का रंग भी अलग है, जैसे कि आंखों का रंग नीला और नाक एवं पंजे की गद्दियां विचित्र ढंग से गुलाबी और काली हो जाती हैं.