चौदह-भुवन-परमतत्त्वं (आत्मतत्त्वम्) रूपी शब्द-ब्रह्म रूप परमेश्वर के विराट-शरीर अथवा परमार्थिक-शरीर मुख्य रूप से सर्वप्रथम-एक विराट शरीर ; पुनः दो-व्यावहारिक या पार्थिव शरीर तथा विराट या परमार्थिक-शरीर ; पुनः तीन-पाताल या अधः लोक ; मृत्युलोक और भूवलोक और पुनः चौदह-तल, वितल, सूतल, महातल, तलातल, रसातल और पाताल रूप सात भुवन जो अधः लोक के अन्दर हैं ; भूः, भुवः, स्व, महः नामक चार भुवन मृत्युलोक में और जनः तपः और सत्य-लोक नामक तीन भुवन भुवर्लोक के अन्तर्गत आते हैं।