इन रूपान्तरों में सोमदेव का कथासरित्सागर कथानक की प्रस्तुति की दृष्टि से तथा वर्णन शैली, विदग्धता और कविप्रतिभा के योग के कारण सबसे अधिक सुपाठ्य और रोचक है।
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द्विवेदी जी के व्यक्तित्व में विद्वत्ता और सरसता का, पाण्डित्य और विदग्धता का, गम्भीरता और विनोदमयता का, प्राचीनता और नवीनता का जो अदभुत संयोग मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है।
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व्यंग्य की इस विदग्धता ने ही नागार्जुन की अनेक तात्कालिक कविताओं को कालजयी बना दिया है, जिसके कारण वे कभी बासी नहीं हुईं और अब भी तात्कालिक बनी हुई हैं…..
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इसकी रचना में लोक-भाषा (देसिल बयना) का प्रयोग और शैली में विनोद एवं व्यंजना पूर्ण विदग्धता, रस को विलक्षण स्वरूप प्रदान कर मन का रंजन करती हैं.
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व्यंग्य की इस विदग्धता ने ही नागार्जुन की अनेक तात्कालिक कविताओं को कालजयी बना दिया है, जिसके कारण वे कभी बासी नहीं हुईं और अब भी तात्कालिक बनी हुई हैं …..
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भाषा जितनी भी घटनाओं की अभिव्यक्ति कर सकती है इस व्याकरण में उसके लिये पूर्ण क्षमता है, यह क्षमता उसके अविष्कारक की अद्भुत विदग्धता तथा उसकी भाषा के सम्पूर्ण क्षेत्र की गहरी पकड़ दर्शाती है।”
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इसका मतलब यह है कि अपतटीय और निकर्षण श्रमिकों (और अपतटीय निकर्षण और इंजीनियरिंग के छात्रों) विदग्धता की एक महान सौदे के अधिकारी और संबोधित और समस्याओं को हल करने में पहल का प्रदर्शन होगा.
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की एक रूप है जो गहरी ऊतक स्वीडिश मालिश चिकित्सक के पैरों द्वारा प्रदर्शन किया तकनीकों का उपयोग करते हुए काम में विशेषज्ञ चिकित्सक के लिए पश्चिमी विज्ञान और समकालीन अमेरिकी विदग्धता को जोड़ती है.
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भाषा जितनी भी घटनाओं की अभिव्यक्ति कर सकती है इस व्याकरण में उसके लिये पूर्ण क्षमता है, यह क्षमता उसके अविष्कारक की अद्भुत विदग्धता तथा उसकी भाषा के सम्पूर्ण क्षेत्र की गहरी पकड़ दर्शाती है।
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तथ्य यह है कि कार्यक्रम अपने दृष्टिकोण में स्वाभाविक अंतःविषय है (साहित्य और दृश्य संस्कृति पर एक साथ देख) का अर्थ है कि हम काम करने के लिए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण विकसित करने में रचनात्मकता और विदग्धता को बढ़ावा उद्देश्य.