जब तक ये रक्तपिपासु राजनीतिज्ञ अपने फायदे को ध्यान में रखते रहेंगे तब तक किसी ना किसी माँ को तो विलाप करते ही रहना है, किसी ना किसी बहिन को राखी पर आँसू बहाना ही है, किसी को तो विधवा होना ही है और किसी ना किसी बच्चे को अनाथ होना ही है.
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' इसके बाद मैत्रेयी पुष्पा के हृदय से जो उद्गार निकला, वह मनन करने योग्य है-' माताजी की चिट्ठियां या मेरी पांडुलिपि की ËSÉÊnùªÉÉÆ … मेरा कलेजा तार-तार हो गया और दिल से बस यही निकला-माताजी, मैं अब विधवा कब हूंगी? ' बुरी से बुरी स्थिति में भी कोई स्त्री विधवा होना नहीं चाहती।
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उन्होंने कहा है कि भगवान भी कर्म के नियम का उल्लंघन नहीं कर सकता; स्वामी ने दो मुख्य उदाहरणों का उल्लेख किया: पांडवों को बेहद कष्ट उठाना पड़ा था, जबकि वे भगवान कृष्ण के परम भक्त थे; खुद विष्णु ने दशरथ और कौशल्या के पुत्र के रूप में अवतार लिया था, फिर भी दशरथ की मृत्यु से कौशल्या को विधवा होना पडा, इसके बावजूद उन्होंने उनके दुःख को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया.