प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नही है और न ही विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ता ऐसी किसी विधिक त्रुटि को दिखाने में सफल रहे है।
42.
प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नही है और न ही विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ता ऐसी किसी विधिक त्रुटि को दिखाने में सफल रहे है।
43.
प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना ही विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ता ऐसी किसी त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
44.
प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना हीं विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ता ऐसी किसी त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
45.
प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना हीं विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्तागण ऐसी किसी त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
46.
प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना हीं विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ती ऐसी किसी त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
47.
प्रश्नगत आदेश में कोई विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना हीं विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ता ऐसी किसी विधिक त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
48.
प्रश्नगत आदेश में कोई विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना हीं विद्वान अधिवक्ता निगरानीकर्ता ऐसी किसी विधिक त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
49.
प्रश्नगत आदेश में कोई भी विधिक त्रुटि नहीं हैं और ना हीं अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ऐसी किसी त्रुटि को दिखाने में ही सफल रहे हैं।
50.
इस तथ्य को भी योग्य अधीनस्थ न्यायालय ने दरकिनार करके बिना निष्कर्ष निकाले दण्डादेश पारित करने में विधिक त्रुटि की है, इसलिए अपीलार्थीगण/अभियुक्तगण दोषमुक्त होने योग्य हैं।