वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता हैगोरोचन, लाक्षा, कुंकुम, सिन्दूर, कपूर, घी (अथवा दूध), चीनी और मधु-इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधि पूर्वक यन्त्र लिखकर जो विधिज्ञ पुरुष सदा उस यन्त्र को धारण करता है, वह शिव के तुल्य (मोक्षरूप) हो जाता हैभौमवती अमावास्या की आधी रात में, जब चन्द्रमा शतभिषा नक्षत्र पर हों, उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है, वह सम्पत्तिशाली होता है।।
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वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता है॥19॥ गोरोचन, लाक्षा, कुङ्कुम, सिन्दूर, कपूर, घी (अथवा दूध), चीनी और मधु-इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधिपूर्वक यन्त्र लिखकर जो विधिज्ञ पुरुष सदा उस यन्त्र को धारण करता है, वह शिव के तुल्य (मोक्षरूप) हो जाता है॥20॥ भौमवती अमावास्या की आधी रात में, जब चन्द्रमा शतभिषा नक्षत्र पर हों, उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है, वह सम्पत्तिशाली होता है॥21॥
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उन्होंने बताया कि बिहार स्टेट बार कौंसिल पटना द्वारा अनुभव की उम्र सीमा बढ़ा कर युवा अधिवक्ताओं को चुनाव लडने के अधिकार से वंचित करने, मॉडल रूल्स की अवहेलना कर पक्षपात पूर्ण एवं मनमाना रवैया अपनाने, जिला विधिज्ञ संघ भागलपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा संघ की गरिमा को धूमिल करने, संघ के अधिवक्ताओं के बीच वैमनस्यता फैलाने तथा अधिवक्ताओं की सभी कल्याणकारी योजनाओं को ठप कर देने के विरोध में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया गया था।
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वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता है॥ 19 ॥ गोरोचन, लाक्षा, कुङ्कुम, सिन्दूर, कपूर, घी (अथवा दूध), चीनी और मधु-इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधिपूर्वक यन्त्र लिखकर जो विधिज्ञ पुरुष सदा उस यन्त्र को धारण करता है, वह शिव के तुल्य (मोक्षरूप) हो जाता है॥ 20 ॥ भौमवती अमावास्या की आधी रात में, जब चन्द्रमा शतभिषा नक्षत्र पर हों, उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है, वह सम्पत्तिशाली होता है॥ 21 ॥