| 41. | जब यह विभवांतर अत्यधिक हो जाता है तो आंखों को चौंधिया देनेवाली बिजली की कड़क मेघ के विभिन्न भागों के बीच पैदा होती है।
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| 42. | न्यूनतम विभवांतर जो किसी विभवमापी से नप सकता है उस यंत्र की सुग्राहिता कहलाता है और जो उच्चतम विभवांतर नपता है उसे परास (
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| 43. | न्यूनतम विभवांतर जो किसी विभवमापी से नप सकता है उस यंत्र की सुग्राहिता कहलाता है और जो उच्चतम विभवांतर नपता है उसे परास (
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| 44. | यह ऊर्जा की वह मात्रा है, जो एक इलेक्ट्रॉन द्वारा निर्वात में एक वोल्ट का विद्युतगतिकीय विभवांतर प्राप्त होने पर, वहन की जाती है।
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| 45. | जब यह विभवांतर अत्यधिक हो जाता है तो आंखों को चौंधिया देनेवाली बिजली की कड़क मेघ के विभिन्न भागों के बीच पैदा होती है।
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| 46. | यह गतिज ऊर्जा की वह मात्रा है, जो एक इलेक्ट्रॉन द्वारा निर्वात में एक वोल्ट का विभवांतर पार करने पर प्राप्त की जाती है।
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| 47. | यदि विद्युत् संभरण का विभवांतर नियत हो, तो धारा और समय के गुणनफल को मापना ही पर्याप्त होगा और जिसे विद्युत् मात्रामापी दर्शित कर सकेगा।
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| 48. | दो शक्ति विद्युदग्रों के द्वारा धारा भेजी जाती है इन विद्युदग्रों के बीच का विभवांतर बिद्ध छिद्र में एक उर्ध्वाधर रेखा में मापा जाता है।
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| 49. | किसी वस्तु का प्रतिरोध उस वस्तु से बहने वाले विद्युत धारा की मात्रा तय करता है, जबकी उस वस्तु के छोरों का विभवांतर समान रहे.
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| 50. | दो शक्ति विद्युदग्रों के द्वारा धारा भेजी जाती है इन विद्युदग्रों के बीच का विभवांतर बिद्ध छिद्र में एक उर्ध्वाधर रेखा में मापा जाता है।
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