दो सिरों वाला वैद्युत अवयव है जिसके सिरों के बीच विभवान्तर उससे बहने वाली तात्कालिक धारा के समानुपाती (या लगभग समानुपाती) होता है।
42.
किसी परिपथ के दो नोडों के बीच विभवान्तर v (t) हो तथा इस शाखा में धारा i(t) हो तो उस शाखा द्वारा ली गयी विद्युतशक्ति,
43.
यह जंक्शन जितना ही अधिक ताप पर होता है उन दो धातुओं के खुले सिरों के बीच उतना ही अधिक विभवान्तर प्राप्त होता है।
44.
किन्तु उन अलग-अलग घटकों के सिरों के बीच का विभवान्तर उन घटकों के विद्युतीय गुणों (प्रतिरोध, प्रेरकत्व, धारिता, या V-I गुणधर्म) पर निर्भर होती है।
45.
प्रतिरोधक (resistor) दो सिरों वाला वैद्युत अवयव है जिसके सिरों के बीच विभवान्तर उससे बहने वाली तात्कालिक धारा के समानुपाती (या लगभग समानुपाती) होता है।
46.
जब का मान के बराबर हो जाता है तो B और D बिन्दुओं के बीच विभवान्तर शून्य हो जायेगा तथा गैलवानोमीटर से होकर कोई धारा नहीं बहेगी।
47.
उदाहरण के लिये किसी एलेक्ट्रान को 1 वोल्ट विभवान्तर से होकर गुजारा जाय तो उसकी उर्जा में 1 eV (1 electron-volt) की वृद्धि हो जाती है।
48.
दोलनदर्शी स्कोप या सीआरओ एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो किसी विभवान्तर को समय के सापेक्ष या किसी विभवान्तर के सापेक्ष एक ग्राफ के रूप में प्रर्दशित करता है।
49.
दोलनदर्शी स्कोप या सीआरओ एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो किसी विभवान्तर को समय के सापेक्ष या किसी विभवान्तर के सापेक्ष एक ग्राफ के रूप में प्रर्दशित करता है।
50.
दोलनदर्शी स्कोप या सीआरओ एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो किसी विभवान्तर को समय के सापेक्ष या किसी विभवान्तर के सापेक्ष एक ग्राफ के रूप में प्रर्दशित करता है।