| 41. | फूट पड़े उनके अश्रु तेरे विराग में
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| 42. | विषय राग से जब विराग हो,
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| 43. | और विडम्बनाएँ और विराग और युद्ध हैं
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| 44. | किसके विराग में अपने-आप को रुग्न किये बैठा हूँ,
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| 45. | राग न विराग न वर सका, कर दूषित अनुराग..
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| 46. | पवन के ही फ़्लैट पर विराग से मिलता हूँ।
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| 47. | राग-विराग, हर्ष-विषाद
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| 48. | राजभोग्य के योग्य विपिन में, बैठा आज विराग लिये।
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| 49. | न वहाँ राग होता है न ही विराग ।
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| 50. | न वहाँ राग होता है न ही विराग ।
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