यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में श्रमविभाजन संबंधी विशेषीकरण जीवन के सभी अंगों में अनुस्यूत है और आर्थिक कार्यों का ताना बाना इन्हीं आनुवंशिक समूहों से बनता है।
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यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में श्रमविभाजन संबंधी विशेषीकरण जीवन के सभी अंगों में अनुस्यूत है और आर्थिक कार्यों का ताना बाना इन्हीं आनुवंशिक समूहों से बनता है।
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ज्ञान के विविध अनुशासनों की आंतरिक संरचना की स्वायत्तता पर आवश्यकता से अधिक बल देने से विशेषीकरण और अन्ततः ज्ञान और क्रिया के बीच भेद पैदा हो जाता है ।
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मेकानिकल / केमिकल / प्रोडक्शन / पॉलीमर / टूल इंजीनियरिंग में बी.ई. / बी.टेक. / बी.एस. सी. (4 वर्ष) का इंजीनियरिंग या पॉलीमर में विशेषीकरण के साथ पॉलीमर साईंस / केमिस्ट्री में एम.एस.सी.
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सामाजिक संरचना में जटिलता आने के बाद कलाओं में भी विशेषीकरण आरंभ हुआ, किंतु लंबे समय तक उनमें सामूहिकता के तत्व बने रहे और थोड़े-बहुत परिवर्तन के साथ आज भी बने हुए हैं.
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संभावना यही है कि विशेषीकरण के कारण यह समुदाय जंतुओं की एक प्रकार की छोटी बंद शाखा है, यद्यपि इसके अध्ययन से यह पता चलता है कि द्विस्तरीय जंतुओं से त्रिस्तरीय जंतुओं का उद्भव किस प्रकार हुआ।
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मि. कार्ल प्रे * डरिक ने कहा कि नौकरशाही उन लोगों के पद सोपान कार्यों के विशेषीकरण तथा उच्च स्तरीय क्षमता से युत्त * संगठन है जिन्हें उन पदों पर कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
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तकनीकी विशेषीकरण को तब रचित किया जा सकता है, जबकि “सम्बंधित विषय अभी भी विकास की स्थिति में ही है, या किसी अन्य कारणवश भविष्य में (तत्काल नहीं) किसी अन्तरराष्ट्रीय मानक को प्रकाशित करने की सहमति की सम्भावना होती है”
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प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग / टेक़्नोलॉजी / पॉलीमर / केमिकल मेकानिकल में बी.ई. / बीटेक. (4 वर्ष) / मान्य जी ए टी ई स्कोर के साथ पॉलीमर केमिस्ट्री / पॉलीमर साईन्स/ फिसिक्स / केमिस्ट्री विशेषीकरण के साथ पॉलीमर साईन्स / केमिस्ट्री में एम.एस.सी.
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तकनीकी विशेषीकरण को तब रचित किया जा सकता है, जबकि “सम्बंधित विषय अभी भी विकास की स्थिति में ही है, या किसी अन्य कारणवश भविष्य में (तत्काल नहीं) किसी अन्तरराष्ट्रीय मानक को प्रकाशित करने की सहमति की सम्भावना होती है” (