| 41. | यदि गहरी शिराओं में धनास्रता (थ्रोंबोसिस) होती है तो इंजेकशन चिकित्सा या शल्यकर्म नहीं किया जाता।
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| 42. | उपकरणों के प्रयोग में शल्यचिकित्सक का हस्तकौशल सर्वप्रमुख है, क्योंकि सभी शल्यकर्म सर्जन के हस्तकौशलाधीन हैं।
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| 43. | उपकरणों के प्रयोग में शल्यचिकित्सक का हस्तकौशल सर्वप्रमुख है, क्योंकि सभी शल्यकर्म सर्जन के हस्तकौशलाधीन हैं।
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| 44. | कभी कभी किसी किसी रोगी में शल्यकर्म द्वारा लसीकावाहिनी का नया मार्ग बनाया जा सकता है।
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| 45. | यदि गहरी शिराओं में धनास्रता (थ्रोंबोसिस) होती है तो इंजेकशन चिकित्सा या शल्यकर्म नहीं किया जाता।
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| 46. | अर्श रोग में चार प्रकार की चिकित्सा सुझाई है-औषधिकर्म, शल्यकर्म, क्षारकर्म और अग्निकर्म।
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| 47. | सामानय निश्चेतना या मूर्च्छा पैदा करने की अपेक्षा स्थानिक निश्चेतना साधारण शल्यकर्म में बड़ी उपयोगी हैं।
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| 48. | सामानय निश्चेतना या मूर्च्छा पैदा करने की अपेक्षा स्थानिक निश्चेतना साधारण शल्यकर्म में बड़ी उपयोगी हैं।
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| 49. | उपकरणों के प्रयोग में शल्यचिकित्सक का हस्तकौशल सर्वप्रमुख है, क्योंकि सभी शल्यकर्म सर्जन के हस्तकौशलाधीन हैं।
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| 50. | जिन मुख्य शिराओं से अपस्फीत शिराओं में रक्त जाता है उनका शल्यकर्म द्वारा बंधन कर दिया जाता है।
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