लगभग एक वर्ष पश्चात्, सन् 2005 की 14 सितंबर को कैलिफोर्निया के सैंटा मोनिका में, एक नियत शल्यक्रिया द्वारा प्रसव के माध्यम से उसने अपनी प्रथम संतान, शॉन प्रेस्टन फेडरलिन को जन्म दिया.
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पीड़ा का शमन, बहुत काल तक मूर्छावस्था में रखना, अनेक संक्रामक रोगों की सफल चिकित्सा, सहज प्रवृत्तियों का दमन और वृद्धि, औषधियों द्वारा भावों का परिवर्तन, शल्यक्रिया द्वारा व्यक्तित्व पर प्रभाव आदि सब संभव हो गए हैं।
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पीड़ा का शमन, बहुत काल तक मूर्छावस्था में रखना, अनेक संक्रामक रोगों की सफल चिकित्सा, सहज प्रवृत्तियों का दमन और वृद्धि, औषधियों द्वारा भावों का परिवर्तन, शल्यक्रिया द्वारा व्यक्तित्व पर प्रभाव आदि सब संभव हो गए हैं।
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हाइपोथेलेमिक पिट्युइटरी एक्सिस दोष, औषधि या शल्यक्रिया द्वारा वंध्यकरण (Castration), रजोनिवृत्ति, प्रिमेच्योर ओवेरियन फेल्यर और गर्भ-निरोधक गोलियां स्त्री सेक्स विकार के हार्मोन संबन्धी कारण हैं, जिनमें मुख्य लक्षण शुष्क योनि (Dry Vagina), यौन-इच्छा विकार और कामोत्तेजना विकार हैं।
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स्त्री यौन विकार के कारण हाइपोथेलेमिक पिट्युइटरी एक्सिस दोष, औषधि या शल्यक्रिया द्वारा वंध्यकरण, रजोनिवृत्ति, लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, प्रिमेच्यौर ओवेरियन फेल्यर, श्रोणि की मांसपेशियों की अति-तनावता या अल्प-तनावता, श्रोणि की...
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पीड़ा का शमन, बहुत काल तक मूर्छावस्था में रखना, अनेक संक्रामक रोगों की सफल चिकित्सा, सहज प्रवृत्तियों का दमन और वृद्धि, औषधियों द्वारा भावों का परिवर्तन, शल्यक्रिया द्वारा व्यक्तित्व पर प्रभाव आदि सब संभव हो गए हैं।
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वर्तमान में, नेत्ररोग विशेषज्ञों द्वारा किए जाने वाले मोतियाबिंद के शल्यक्रिया द्वारा निष्कर्षण के दो मुख्य प्रकार हैं, लेन्स पायसीकरण (फेको) और पारंपरिक बहिर्सम्पुटीय मोतियाबिंद निष्कर्षण (ईसीसीई (ECCE)). दोनों प्रकार की शल्यक्रिया में एक आंतराक्षि लेन्स का निवेशन किया जाता है.
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अकेला ईस्ट्रोजन उन स्त्रियों को दिया जाता है जिनका गर्भाशय शल्यक्रिया द्वारा निकाल दिया गया है जबकि गर्भाशय को साथ लिए जी रही स्त्रियों को ईस्ट्रोजन-प्रोजेस्टिन (कृत्रिम प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन) दिया जाता है क्योंकि प्रोजेस्टिन ईस्ट्रोजन की अधिकता के दुष्प्रभाव (गर्भाशय कैंसर) से गर्भाशय की सुरक्षा करते हैं।
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अकेला ईस्ट्रोजन उन स्त्रियों को दिया जाता है जिनका गर्भाशय शल्यक्रिया द्वारा निकाल दिया गया है जबकि गर्भाशय को साथ लिए जी रही स्त्रियों को ईस्ट्रोजन-प्रोजेस्टिन (कृत्रिम प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन) दिया जाता है क्योंकि प्रोजेस्टिन ईस्ट्रोजन की अधिकता के दुष्प्रभाव (गर्भाशय कैंसर) से गर्भाशय की सुरक्षा करते हैं।
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ठीक उसी समय में उन्होंने यह जानकारी दी कि शल्यक्रिया द्वारा मरम्मत किए गए बाएं घुटने पर 1998-2003 के दौरान परिवर्तित स्विंग के कारण पड़ने वाले गंभीर दबाव के कारण हुई टूट-फूट को कम करने की उम्मीद में वे अपनी स्विंग में परिवर्तन पर फिर से काम कर रहे थे.