मेरा यह कहना है कि सदियों पुरानी इस व्यवस्था को शाश्वत रूप से गाली देने से कुछ भी नहीं होगा अच्छा हो कि हम अपनी एक नई व्यवस्था बनायें.....
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समाज के प्रति मनुष्य के कर्तव्यों, शासकीय प्रबंधन और न्यायिक व्यवस्था के बाबत इस ग्रंथ में जो बातें लिखी गयी हैं वे तर्कसंगत एवं शाश्वत रूप से प्रासंगिक हैं ।
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धर्म तो आध्यात्मिक शक्ति है जो व्यक्ति और काल से ऊपर उठकर निरन्तर भाव से सभी पर, सभी नस्लों और देशों में शाश्वत रूप से एक जैसा रमा रहे।
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ऐसा नहीं कि प्रज्ञा-चक्षु के अधिकारी सिर्फ अंधे ही होते हैं वरन् यह तो ईश्वर प्रदत्त वह विशिष्ट गुण है जो हर मानव के पास शाश्वत रूप से मौजूद रहता है।
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समाज के प्रति मनुष्य के कर्तव्यों, शासकीय प्रबंधन और न्यायिक व्यवस्था के बाबत इस ग्रंथ में जो बातें लिखी गयी हैं वे तर्कसंगत एवं शाश्वत रूप से प्रासंगिक हैं ।
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फूल की तरह ही, मानव-आत्मा भी अचेतन रूप से सूर्य की किरणों का पान करती रहती है और शाश्वत रूप से उसकी, उसके प्रकाश की कामना करती रहती है।
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प्रकृति का सबकुछ, सूक्ष्मतम से लेकर विशालतम तक, का अस्तित्व एक सतत प्रवाह, एक अविराम गति और परिवर्तनक्रम में शाश्वत रूप से पैदा होने और समाप्त हो जाने में है।
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जब तक हम दोनों शाश्वत रूप से एक नहीं हो जाएंगे, तब तक सोने में सुगंध कैसे आएगी? बस कांचना इसके बाद आनंद की सीमाओं के दूसरे किनारे तक पहुंच गई।
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सच बात तो यह है कि ईंट, पत्थरों और लोहे से बने यह आश्रम कभी न कभी ढहने हैं पर जो भारतीय योग तथा अध्यात्मिक ज्ञान है वह हमेशा ही शाश्वत रूप से बना रहेगा।
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21 मई, 2011 के दिन, विश्वासियों को भाव समाधि दी जाएगी और आकाश में प्रभु से मिलने और साथ ही प्रभु के साथ शाश्वत रूप से रहने के लिए इस जगत से ले जाया जाएगा.