तरल द्रव फेफड़ों में इकठ्ठा हो जाता है और श्वसन नलिका की श्लेष्मा झिल्ली उद्दीप्त हो जाती है | इसके कारण फेफड़ों में सुजन भी आ जाती है | यह भी कह सकते है की फेफड़ों में बलगम जम जाता है | सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होती परन्तु साँस छोड़ते समय दम सा घुटने लगता है | छाती में तकलीफ रहती है |