| 41. | 20. मेथी:मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है।
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| 42. | क मल के फल वमन, दाह, ज्वर, श्वेतप्रदर, क ुष्ठ, खुजली आदि में उपयोगी है ।
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| 43. | -महिलाओं में रक्तप्रदर एवं श्वेतप्रदर (लयूकोरीया) में भी आंवला एक प्रभावी औषधि के रूप में काम करता है..
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| 44. | मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है।
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| 45. | 2 चम्मच की मात्रा में यह काढ़ा रोजाना सुबह-शाम कुछ दिनों तक पीने से श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में लाभ होता है।
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| 46. | यह रक्तप्रदर, कष्टरज और श्वेतप्रदर आदि दोषों से मुक्ति दिलाकर गर्भाशय और अंडाशय को पूर्ण सक्षम और सबल बना देता है।
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| 47. | 3. नागकेशर: नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।
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| 48. | गुग्गुल एक ग्राम और रसौत को मक्खन के साथ मिलाकर प्रतिदिन तीन खुराक सेवन करने से श्वेतप्रदर के कारण जो बन्ध्यापन होता है।
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| 49. | 8. शिरीष: शिरीष की छाल का चूर्ण 1 ग्राम को देशी घी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।
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| 50. | श्वेतप्रदर के निरन्तर स्त्राव से महिलाएं धीरे-धीरे क मजोर और निढाल हो जाती हैं और भरी जवानी में बूढ़ी नजर आने लगती हैं।
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