जीनोमिक प्रवर्धन तब होता है जब एक कोशिका एक छोटे गुणसूत्री लोकस की कई प्रतिलिपियां (प्रायः 20 या अधिक) प्राप्त कर लेती है, सामान्यतया इसमें एक या अधिक ओंकोजीन होते हैं और आसन्न आनुवंशिक सामग्री होती है.स्थानीकरण (ट्रांसलोकेशन) तब होता है जब दो अलग अलग गुणसूत्री क्षेत्र असामान्य रूप से, एक विशिष्ट स्थान पर संगलित हो जाते हैं.
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जीनोमिक प्रवर्धन तब होता है जब एक कोशिका एक छोटे गुणसूत्री लोकस की कई प्रतिलिपियां (प्रायः 20 या अधिक) प्राप्त कर लेती है, सामान्यतया इसमें एक या अधिक ओंकोजीन होते हैं और आसन्न आनुवंशिक सामग्री होती है.स्थानीकरण (ट्रांसलोकेशन) तब होता है जब दो अलग अलग गुणसूत्री क्षेत्र असामान्य रूप से, एक विशिष्ट स्थान पर संगलित हो जाते हैं.
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[41]सबसे विशिष्ट विशेषता जो नर और मादा दोनों में पाई जाती है वह यह है, कि दोनों में पूंछ एक बालों के गुच्छे में समाप्त होती है, इस गुच्छे में एक कठोर “स्पाइन (कसिंहुक) ” या “स्पर” होता है जो लगभग 5 मिलीमीटर लम्बा होता है, जो आपस में संगलित हो गयी पुच्छ अस्थि के अंतिम भाग से बनता है.
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सबसे विशिष्ट विशेषता जो नर और मादा दोनों में पाई जाती है वह यह है, कि दोनों में पूंछ एक बालों के गुच्छे में समाप्त होती है, इस गुच्छे में एक कठोर “स्पाइन (कसिंहुक) ” या “स्पर” होता है जो लगभग 5 मिलीमीटर लम्बा होता है, जो आपस में संगलित हो गयी पुच्छ अस्थि के अंतिम भाग से बनता है.