जमा पर ऋण / संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में जमा स्वीकार करना: जमा पर ऋण नहीं दिया जाएगा और न ही जमा संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में स्वीकार्य होगी।
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जमा के विरुद्ध ऋण-जमा के विरुद्ध कोई ऋण नहीं दिया जाएगा तथा अन्य सुविधाओं के लिए इसे संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में भी स्वीकार नहीं किया जाना है।
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ऋण के लिए प्रतिभूति के रूप में वित्तपोषण के लिए प्रस्तावित संपत्ति का प्रथम बंधक होगा, जो आमतौर पर स्वत्व विलेख जमा करवाकर अथवा यथावश्यक संपार्श्विक प्रतिभूति के माध्यम से होगा.
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एस एम ई उधारकर्ता के लिए ऋण राशि रु 5 लाख तक के लिए हो तो बैंक द्वारा संपार्श्विक प्रतिभूति या अन्य पक्ष की गारंटी के लिए आग्रह नहीं किया जाएगा।
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ख) यदि ऋण-रकम के बराबर मूल्य की संपार्श्विक प्रतिभूति दी जाती है तो मासिक सकल वेतन का 10 गुना अथवा रु.5 लाख, इनमें से जो भी कम हो।
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रु. 7.5 लाख से ऊपर-उचित मूल्य की संपार्श्विक प्रतिभूति और किस्तों का भुगतान करने के लिए विद्यार्थी की भावी आय का समनुदेशन करने के साथ-साथ माता-पिता अभिभावकों /अन्य पक्ष की सह-बाध्यता।
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• संवृद्धि पूँजी और ईक्विटी सहायता साधारणतया व्यवसाय मॉडल के गुणों / प्रबंधतंत्र की सुदृढ़ता के आधार पर प्रदान की जाती है, न कि केवल आस्ति सुरक्षा / संपार्श्विक प्रतिभूति के आधार पर।
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विभिन्न प्रकार की ऋण सुविधाएँ जैसे गृह निर्माण ऋण लेते समय पॉलिसी ज़ को आयकर से छूट प्राप्त होती है और ये वित्तीय संस्थाओं को संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में असाइन होती हैं.
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छात्र / माता-पिता/अभिभावक या अन्य किसी तीसरे के नाम में जमीन/भवन/सरकारी प्रतिभूतियों/ सरकारी उपक्रम बांडों/यूटीआई कीयूनिटों, एनएससी, किसान विकास पत्र,एलआईसी पॉलिसी, सोना, शेयरों/डिबेंचरों, बैंक जमाओं के रूप में संपार्श्विक प्रतिभूति व्यावहारिक मार्जिन हो सकती हैं।
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जहां पर्याप्त संपार्श्विक प्रतिभूति उपलब्ध नहीं है, माता-पिता / पोषक (नाबालिगाओं के संदर्भ में, माता-पिता / पोषक नाबालिग के पक्ष में और सह-उधारकर्ता के रूप में प्रलेखों का निष्पादन करेंगे) / अन्य पार्टी गारंटी।