उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी बालक के नाम अपनी संपत्ति वसीयत कर दे अथवा परिवार की संयुक्त संपत्ति में बालक का हिस्सा निश्चित हो चुका हो और उस के बाद वह बालक दत्तक दे दिया जाए, तो भी वह संपत्ति उसी की रहेगी।
42.
नसीम अंसारी ने बताया कि सरकार ने हिंदू उत्तराधिकार क़ानून 1956 में संशोधन करके 2005 में बेटियों को भी संयुक्त संपत्ति में बराबर का हिस्सेदार व पति की मृत्यु के बाद विधवा पत्नी को हिस्सेदार तो बना दिया, परंतु इस संशोधित क़ानून के अनुसार उन्हें यह अधिकार तभी मिलेगा जब वह इसकी मांग करेंगी।
43.
इस से यह अनुमान किया जा सकता है कि परिवार की संयुक्त संपत्ति में परिवार के प्रत्येक विवाहित पुरुष के का एक भाग, उस की पत्नी का एक भाग और विवाहित और अविवाहित बहनों-बेटियों का कुल मिला कर एक भाग तथा कुल देवता के लिए एक भाग जिस पर परिवार के पुरुषों का संयुक्त अधिकार है।
44.
बाद में कानूनी रूप से यह पता लगता है कि वह संपत्ति विशेष संयुक्त संपत्ति का भाग न हो कर किसी की व्यक्तिगत संपत्ति थी, तो इसे तथ्य संबंधी भूल ही माना जाएगा और विभाजन को समाप्त कर उस संपत्ति विशेष को संयुक्त संपत्ति से पृथक कर पुनः भागीदारों के भागों का निर्धारण कर विभाजन संपन्न किया जाएगा।
45.
बाद में कानूनी रूप से यह पता लगता है कि वह संपत्ति विशेष संयुक्त संपत्ति का भाग न हो कर किसी की व्यक्तिगत संपत्ति थी, तो इसे तथ्य संबंधी भूल ही माना जाएगा और विभाजन को समाप्त कर उस संपत्ति विशेष को संयुक्त संपत्ति से पृथक कर पुनः भागीदारों के भागों का निर्धारण कर विभाजन संपन्न किया जाएगा।
46.
अलग होने की स्थिति में न केवल पत्नी पति की संपत्ति में भागीदार हो वरन् पति भी पत्नी की संपत्ति में भागीदार हो, यहाँ तक कि पत्नी के मायके में उसके माता-पिता की संयुक्त संपत्ति में पत्नी के साथ पति भी भागीदार बने और अपनी ससुराल में पत्नी निर्वाह व्यय की ही अधिकारी न हो, वरन संपूर्ण संपत्ति में भागीदार हो।
47.
अलग होने की स्थिति में न केवल पत्नी पति की संपत्ति में भागीदार हो वरन् पति भी पत्नी की संपत्ति में भागीदार हो, यहाँ तक कि पत्नी के मायके में उसके माता-पिता की संयुक्त संपत्ति में पत्नी के साथ पति भी भागीदार बने और अपनी ससुराल में पत्नी निर्वाह व्यय की ही अधिकारी न हो, वरन संपूर्ण संपत्ति में भागीदार हो।
48.
य दि ऐसी किसी संयुक्त संपत्ति या व्यवसाय का विभाजन किए बिना उत्तराधिकारियों में से कोई एक भागीदार अपना हिस्सा स्थानान्तरित करवाना चाहे तो उस समय उस संयुक्त संपत्ति या व्यवसाय के अन्य भागीदारों को यह अधिकार प्राप्त होता है कि वे संपत्ति या व्यवसाय से अपना हिस्सा अलग चाहने वाले पक्षकार का हिस्सा उस का मूल्य उस हिस्सेदार को चुका कर स्वयं अपने नाम हस्तान्तरित करवा लें।
49.
य दि ऐसी किसी संयुक्त संपत्ति या व्यवसाय का विभाजन किए बिना उत्तराधिकारियों में से कोई एक भागीदार अपना हिस्सा स्थानान्तरित करवाना चाहे तो उस समय उस संयुक्त संपत्ति या व्यवसाय के अन्य भागीदारों को यह अधिकार प्राप्त होता है कि वे संपत्ति या व्यवसाय से अपना हिस्सा अलग चाहने वाले पक्षकार का हिस्सा उस का मूल्य उस हिस्सेदार को चुका कर स्वयं अपने नाम हस्तान्तरित करवा लें।