अपनी वासना की सड़ाँध भरी गलियों में कैसे-कैसे रूप भरवाते रहे कृष्ण की भक्ति के नाम पर! अच्छा! तो तुम भी सीखते हो ।
42.
प्रतिमान स्थापन तो दूर वह भ्रस्टाचार की ऎसी सड़ाँध फैला रहा है कि समाज अनुप्राणित होंने की जगह भांति-भांति के रोगो से ग्रसित होत जा रहा है।
43.
प्रतिमान स्थापन तो दूर वह भ्रस्टाचार की ऎसी सड़ाँध फैला रहा है कि समाज अनुप्राणित होंने की जगह भांति-भांति के रोगो से ग्रसित होत जा रहा है।
44.
दीये की मद्धम, नाचती-सी रोशनी में उसने देखा कि कचरा सारी कोठरी में बिखर गया है और उसमें से कीच की सी सड़ाँध उठ रही है।
45.
फिर मूलभूत स्वास्थ्य सुविधायें नगण्य स्तर पर मुहैय्या कराने वाले देश में ऎसा अनोखा एक्सपेरिमेन्ट क्यों? संडास की सड़ाँध कहीं इत्र की शीशी उड़ेलने से जायेगी?
46.
नमी, गर्मी और सड़ाँध भरी फ़ैक्ट्रियों में 14-16 घण्टे लगातार काम करने से मज़दूर कम उम्र में ही मौत के मुँह में समा जाते थे।
47.
जैसे कचरे व सड़ाँध के बीच रहकर हमारी नाक सड़ाँध से बेखबर जीना सीख गई है वैसे ही हम अनैतिक हो गए हैं व अनैतिकता के प्रति सहिष्णु भी।
48.
जैसे कचरे व सड़ाँध के बीच रहकर हमारी नाक सड़ाँध से बेखबर जीना सीख गई है वैसे ही हम अनैतिक हो गए हैं व अनैतिकता के प्रति सहिष्णु भी।
49.
जैसे कचरे व सड़ाँध के बीच रहकर हमारी नाक सड़ाँध से बेखबर जीना सीख गई है वैसे ही हम अनैतिक हो गए हैं व अनैतिकता के प्रति सहिष्णु भी।
50.
जैसे कचरे व सड़ाँध के बीच रहकर हमारी नाक सड़ाँध से बेखबर जीना सीख गई है वैसे ही हम अनैतिक हो गए हैं व अनैतिकता के प्रति सहिष्णु भी।