| 41. | शुद्धि और सत्त्व की शुद्धि से पक्की एवं चिरस्थायी स्मृति,
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| 42. | सत्त्व यदि ज्ञान और सुख में फँसा देता हैं तो बाकी
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| 43. | इस दृष्टि से चेतना वास्तव में सत्त्व का ज्ञान ही है।
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| 44. | इसी वजह से वह सत्य से, सत्त्व से वंचित हैं।
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| 45. | गुणों में सत्त्व ऐसा हैं कि यदि उसकी प्रगति हो,
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| 46. | वेदकालीन चिनाब का सत्त्व आर्यों के उत्कर्ष में काम आता था।
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| 47. | पैदा प्रकृति से सत्त्व, रज, तम त्रिगुण का विस्तार है ||
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| 48. | सत्त्व क्रिया का पथ-प्रदर्शन करता है प्रकाश और ज्ञान दे के।
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| 49. | सत्त्व आदि गुण एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं ।
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| 50. | पिपरमिण्ट के प्रकार का एक पौधे का अर्क, अजवाइन का सत्त्व
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