राम के राज्य में कोई अनाथ नही, क्योंकि जिनके माता-पिता नही थे वे भगवान राम जैसे प्रजा पालक पिता को प्राप्त कर सनाथ हो गए थे।
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विदा मांग कर आ गए, राजा-रानी साथ |चिंतित परजा झूमती, होकर पुन: सनाथ ||धीरे धीरे सरकती, छोटी होती रात | हवा बसंती बह रही, जल्दी होय प्रभात |
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मेरी मां ने कहां-भगवान, सर्वत्र हैं, कोई अनाथ नहीं हैं, सभी सनाथ हैं, इसलिए डर कैसा, उन्हें पुकारो, वो तु्म्हारे साथ हैं।
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वन वन प्रभु के संग चल चौदह बरस कट जायेंगें, भैया लखन को साथ ले वापस अयोध्या आयेंगें, होगी सनाथ फिर प्रजा जो हो रही अनाथ है!
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अच्छा लगता था उसे यह देखना कि अनाथालय में पला-बड़ा धीरमोहन कैसे पल भर के लिए ही सही, इन काल्पनिक रिश्तों से जुड़कर, तृप्त और सनाथ महसूस करने लगता था।
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हां मित्रता अनमोल रत्न है, सौभाग्य की प्रथम सीढी है, मित्रता अनाथ को सनाथ करती है और सबसे बड़ी परिभाषा है कि-मित्रता स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को परिभाषित करती है।
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बाल तपस्वी-” हम छोटे हैं, आप तो अपने को बड़ा ही मानते हैं न? बड़े होकर भी आप यह नहीं समझते हैं कि अनाथ और सनाथ कौन है?
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अन्त वाहक शरीर गुरु के सूक्ष्म तत्वों की शरण जाए … मेरा ‘ मै ' गुरु के ‘ मै ' में मिल जाए … हे नाथ मैं सनाथ हो कर मरू …..
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ने बच्चों को आज अनाथी मुनि और महाराजा श्रेणिक की धर्मकथा सुनाते हुए अनाथ और सनाथ की व्याख्या की और कहा कि नाथ बनने के लिए छः काया के जीवों का रक्षक बनना जरूरी है।
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उन्हें तो यह भी पता नहीं चल पाया कि उनका ठाकुर कब कहाँ खो गया कहाँ सो गया उनका सहचर कल सुबह आता हूँ कह कर नहीं आया वह जिसके होने से वे सनाथ थीं।