विसर्जन की सार्थकता और विलक्षणता का विश्लेषण करने का यहां अवसर नहीं है, यहां हम उसका सप्रयोजन एक अंश उद्धृत करना चाहते हैं।
42.
अब समय पिछले कुछ वक़्त में हिंदी की सांस्थानिक आलोचना और सत्ता केन्द्रों द्वारा सप्रयोजन उल्लिखित तथा उपेक्षित कवियों की निर्मम पड़ताल का है.
43.
जैसे-‘ एकाग्रचित ' चिन्तन के प्रयोजन से, ‘ ध्यान ' परम्परा का पालन किया जाता है, इसे हम ‘ सप्रयोजन परम्परा ' कहेंगे।
44.
सप्रयोजन!!! मेरे लेखों पर आना ही मत, वहाँ जीवन मूल्यों का वह पाठ है जिसे आप जैसे लोग मुफ्त में फंसना मानते है.
45.
सप्रयोजन नाटकों की श्रेणी में महान नाटककार, लेखक, प्रयोग धर्मी हबीब तनवीर जी की नाट्य धर्मिता, प्रयोग और संलग्नता के सन्दर्भ में जितना कहा जाये कम है!
46.
“ ऑड मैन आउट उर्फ़ बिरादरी बाहर ” कहानी के शीर्षक का द्विभाषी होना संयोग नहीं, सप्रयोजन है क्योंकि उसमें कहानी का कथ्य अन्तर्निहित है ।
47.
ऐसी कई सप्रयोजन और सार्थक कविताएँ ' स्वाधीन ' के इस कविता संग्रह में सम्मिलित हैं और आज के मनुष्य की चिंताओं और चेतना को सटीक और सचोट अभिव्यक्ति प्रदान करती हैं।
48.
वे उस देश में पैदा हुए जिसमें जीवन, जगत सृष्टि और प्रकृति के मूल में एकमात्र अविनश्वर चेतन का दर्शन किया गया है और सारी सृष्टि की प्रक्रिया को भी सप्रयोजन स्वीकार किया गया है।
49.
अभ्यास या ड्रिल भले ही कम हो परन्तु जो भी हो वह वास्तविक कर्म प्रसंग में हो, सप्रयोजन सहेतुक हो, किसी उद्देश्य या आवश्यकता के मातहत हो-यही अभ्यास या ड्रिल का मुख्य सार तत्व है।
50.
प्रयोगों के इसी तारतम्य में मै कुछ व्यक्तिगत अनुभव, जो कुछ नाटकों के दर्शक के रूप में और अभिनीत करके प्राप्त हुए प्रस्तुत करना चाहती हूँ! सप्रयोजन नाटकों की श्रेणी में महान नाटककार, लेखक, प्रयोग धर्मी हबीब तनवीर जी कि नाट्य धर्मिता, प्रयोग और संलग्नता के सन्दर्भ में जितना कहा जाये कम है!