राहु वृषभ में दशम भाव में हो व शुक्र तृतीय भाव में हो तो ऐसा जातक राजनीतिज्ञ व अपने भुजबल से सफलता पाने वाला होगा।
42.
* नवम भाव में गुरु के साथ तीन या चार ग्रह हों तो वह जातक राजनीति के क्षेत्र में पूर्ण सफलता पाने वाला होता है।
43.
उसी प्रकार चंद्र यदि स्वराशिस्थ हो तो उस जातक को सफेद वस्तु, नौसेना में स्टेशनरी के व्यापार में अच्छी सफलता पाने वाला होता है।
44.
ऐसा जातक पिता, राज्य, व्यापार, राजनीति जिसमें भी हो, सफलता पाने वाला तथा अपने शत्रुओं से भी काम निकालने वाला होगा।
45.
इन दो ग्रहों की युति पंचम भाव में हो तो विद्या के क्षेत्र में उत्तम सफलता पाने वाला होता है, उस जातक की संतान भी भाग्यशाली होती है।
46.
* कुंभ लग् न में मकर लग्न के समान फल मिलेगा, लेकिन ऐसा जातक विदेश में रहकर या जन्मस्थान से दूर रहकर सफलता पाने वाला व भाग्यवृद्धि कारक होगा।
47.
कठिन परिश्रम से अर्जित सफलता पाने वाला व्यक्ति श्रम स्वेद बहाने के बाद मानसिक रूप से अपने आप को तैयार भी पाता है आगे और परिश्रम करने के लिए.
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गुरु के साथ चंद्र लग्न में हो तो ऐसा जातक नीति कुशल, विद्वान, सुंदर, गौर वर्ण, नम्र स्वभाव वाला, नृत्य के क्षेत्र में हो तो अच्छी सफलता पाने वाला होता है।
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गुरु के साथ चंद्र लग्न में हो तो ऐसा जातक नीति कुशल, विद्वान, सुंदर, गौर वर्ण, नम्र स्वभाव वाला, नृत्य के क्षेत्र में हो तो अच्छी सफलता पाने वाला होता है।
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जिसने भरी उछाल, सफलता पाने वाला है॥ भगवान के अवतरण काल को जो पहचानते हैं वे उनके साथ चलने से मिलने वाले श्रेय को भी समझते हैं और अवसर नहीं चूकते।