अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि यद्यपि इस सम्बन्ध में मौखिक रूप से साक्षियों द्वारा कहा गया है मगर साक्षियों को विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा उक्त अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार साक्ष्य दिलाया जाता है मगर मात्र इन साक्षियों के कह देने से कि उक्त अधिनियम की धारा-55 का अनुपालन किया गया है, इससे यह नहीं माना जा सकता है कि उक्त अधिनियम की धारा-55 का अनुपालन हो गया है जब तक कि उसकी सम्पुष्टि में दस्तावेजी साक्ष्य पत्रावली पर उपलब्ध न हो।