कई बार हीन चरित्र वालों की झूठी प्रशंसा करने पर वे एक प्रकार की लोक लाज में बँध जाते हैं और सम्मोहन विद्या के अनुसार अपने को सचमुच प्रशंसनीय अनुभव करते हुए निश्चयपूवर्क प्रशंसा योग्य बन जाते हैं ।
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लेकिन फ्रायड ने चरकात की सम्मोहन विद्या की भूरी भूरी प्रशंशा की जिसमे इस स्नायु विज्ञानी ने यह दिखलाया कि किस प्रकार मनो-वैज्ञानिक कारण, नॉन-ओरगेनिक ट्रौमाज़“हिस्तेरिकल पेरेलिसिस ”की वजह बनतें हैं.हिप्नोसिस (सम्मोहन विद्या)से चार्कोट ने इसे सिम्युलेट करके दिखलादिया ।
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मीडिया और देश के तथाकथित अति आधुनिक लोग जो भारतीय पुरातन ज्ञान, योग विज्ञानं और सम्मोहन विद्या जैसे बातों को आधुनिक विज्ञानं के सामने बकबास कहा जाता था आज उसी का सहारा लेकर अपने को सच और अपनी ज्यादती को सही ठहराने की कोशिश की जा रही है ।