| 41. | कुरआन के शुरुआत में सर्वधर्म सम भाव की बात कही गयी है.
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| 42. | सभी के साथ सम भाव से नृत्य करते हुए सबको आनंद प्रदान किया।
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| 43. | सम भाव सबमें साध, होता भक्ति में लवलीन है || १८. ५४ ||
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| 44. | साधु को चाहिये कि वह स्वाद के प्रति भी सम भाव रहे ।
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| 45. | मन में कुछ है जो छोटाई को सम भाव से लेना नहीं चाहता।
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| 46. | अगर फल की इच्छा नहीं रखोगे तो अपने आप सम भाव आ जायेगा।
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| 47. | सरकार बोलती हैं सर्व सम भाव का उदेश पर करती पूरा उल्टा ही.
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| 48. | मन में कुछ है जो छोटाई को सम भाव से लेना नहीं चाहता।
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| 49. | ## अपनों के मोह-ममता को समझ कर सम भाव होना ।
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| 50. | सिद्धि और असिद्धि, सफलता और विफलता में सम भाव रखना समत्व कहलाता है।
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