माता-पिता बोझ बन गए | पहले किसी के पास अधिक पैसा होता था तो समाज की उस पर नज़र होती थी | गलत ढंग से पैसा कमाने वाले की समाज में इज्जत नहीं होती थी | अध्यापक और चरित्रवान लोग ही पूजे जाते थे | आज गाँव समाज में लोग सबसे सुखी और विलासिता में रहना चाहते हैं | परन्तु चुनते हैं भ्रष्टाचारियों, जाति और धर्म के नाम पर नंगा लूटने वाले आदमखोर को | कुर्सी, ताकत और दौलत जिसके पास हो वह सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति है | इससे परिवर्तन की उम्मीद कैसे की जा सकती है?