| 41. | चौथा-साँझ को पूरी मजूरी मिले तो कहना।
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| 42. | साँझ की झिलमिली के पुराने प्रेरकों के विरुद्ध
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| 43. | दोपहर से साँझ तक वह गङ्ढा खोदती रही।
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| 44. | सुबह के निकले राजीव साँझ ढले घर लौटते।
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| 45. | पिछली साँझ से ही बूँदा-बाँदी होती रही है;
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| 46. | चल खुसरौ घर आपने साँझ भई चहु देस
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| 47. | वो साँझ, गुज़रे किसी जाड़े की, फुलकारी पर
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| 48. | काश इस साँझ में ये भी करें ता-थया
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| 49. | साथी, साँझ लगी अब होने! / हरिवंशराय बच्चन
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| 50. | खिडक़ी के बाहर साँझ उतर आने पर झोंपड़ी
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