आखिर कुछ दिनों की जेल और कुछ मुकदमों के बावजूद अभिषेक वर्मा एक साधनसंपन्न शख्स है जो दुनिया भर में घूमता है, वह हिंदी के कई बीहड़ कवियों के लाचार बेटों के मुकाबले-जिन्हें जिंदगी कहीं ज्यादा निर्ममता से पीस रही है-खुशकिस्मत है कि अंततः एक दिन छूट जाएगा और किन्हीं बैंकों में रखे अपने पैसे निकाल कर एक अश्लील और अय्याश जिंदगी का सुख भोगता रहेगा.
42.
' ध्यान में रखने की बात है कि लेखकों से कलह करके, ऐसे लेखकों से जिन्हें पूरा का पूरा विपक्षी नहीं कहा जा सकता, जो अभी अपनी विकास-यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं, आप अपने उन प्रभावशाली विपक्षियों के हाथ ही मजबूत बना रहे हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य आपकी विचारधारा को और आपको पूर्णत: समाप्त कर देना है-ऐसे विपक्षियों के, जो आपसे अधिक एकताबद्ध, साधनसंपन्न ओर क्रियाशील हैं, और जो अपने वास्तविक कार्य-व्यवहार द्वारा विकासमान लेखकवर्ग से घनिष्ठ संपर्क बनाये हुए हैं ।