सवाल यह है कि जब डा०कलाम के पास भारत को विकसित राष्ट्र बनाने, प्रत्येक बच्चे के उज्जवल भविष्य की कल्पना करने,देश से गरीबी व भुखमरी दूर करने, कृषि के क्षेत्र में भारत को विश्वस्तर का बनाने, आर्थिक व सामरिक क्षेत्र में भारत को दुनिया का सबसे मज़बूत राष्ट्र बनाने, बाढ़ व सूखे से देश को निजात दिलाने, पूरे देश को साक्षर बनाने तथा विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में भारत के परचम को सबसे ऊंचा बुलंद करने जैसी तमाम योजनाएं हैं तो ऐसे महान दूरदर्शी व्यक्ति को राष्ट्रपति भवन की चारदीवारी तक सीमित रखने का आखिर औचित्य क्या है?